एक मामूली सी हस्ती को,किसी ने आसमां पे बिठा दिया....पथरीली राहो से उठा कर,साफ़ रास्ता
दिखा दिया....सीधा सादा सा एक जीवन,ना कोई ताम ना कोई झाम....इबादत मे जो बीत गया
वोहि सुबह तो बस वोहि है शाम....दुनिया क्या कहती है,क्या सुनती है...इन से दूर बहुत ही दूर .
अपनी मस्ती मे जी रहे अपनी किस्मत का हर पैगाम....ना शिकायत ना कोई शिकवा,ना रूठने का
अब कोई काम...फिर भी एक मामूली हस्ती,जिसे बनाया किसी ने खास.....
दिखा दिया....सीधा सादा सा एक जीवन,ना कोई ताम ना कोई झाम....इबादत मे जो बीत गया
वोहि सुबह तो बस वोहि है शाम....दुनिया क्या कहती है,क्या सुनती है...इन से दूर बहुत ही दूर .
अपनी मस्ती मे जी रहे अपनी किस्मत का हर पैगाम....ना शिकायत ना कोई शिकवा,ना रूठने का
अब कोई काम...फिर भी एक मामूली हस्ती,जिसे बनाया किसी ने खास.....