Thursday 26 April 2018

ख्वाईशो के इस जहान मे,हर वक़्त कुछ नया पा लेने की चाहत मे....आज तेरी तलाश है,कल किसी

और का साथ होगा,क्या ज़िंदगी सिर्फ इसी का नाम है.....टुकड़े दिल के कभी इस के किए,दिल को दर्द

दे कर आंसू कभी किसी और को दिए.....ज़िल्लते दे कर फिर खुद से दामन खींच लिया....खुदा के नाम

से मुहब्बत का कभी सौदा किया....क्या मायने प्यार के सिर्फ इतने ही है....मुहब्बत के पाकीजा अल्फाज

गिनती के नाम है,मगर मिलते जरूर है तभी तो इस जहान मे मुहब्बत सांस आज भी लेती है....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...