यू ही तो नहीं कहते कि मुहब्बत बेजुबान होती है...जो आँखों के एक इशारे से दिल मे उतर जाए,वो
ही जुबान का काम कर जाती है....पलकों के शामियाने से जो धडकनों को हिला दे,पलकों को उठा दे
तो दुनिया ही हिला दे....कुछ नहीं कह कर यह बहुत कुछ कह जाती है....समझने वालो के लिए यह
कहर बन कर ज़िंदगी को बखूबी सब जतला जाती है...कुछ ना कह कर जो सब कह जाए,मगर
इलज़ाम खुद पे यह ले जाए कि मुहब्बत बेजुबान होती है....
ही जुबान का काम कर जाती है....पलकों के शामियाने से जो धडकनों को हिला दे,पलकों को उठा दे
तो दुनिया ही हिला दे....कुछ नहीं कह कर यह बहुत कुछ कह जाती है....समझने वालो के लिए यह
कहर बन कर ज़िंदगी को बखूबी सब जतला जाती है...कुछ ना कह कर जो सब कह जाए,मगर
इलज़ाम खुद पे यह ले जाए कि मुहब्बत बेजुबान होती है....