Monday, 23 April 2018

हर उस नज़र को सलाम करे गे हम ,जो दिल हमारे को जीत जाए गी....नज़र ना लगे हमारे उसूलो

को,जिस के सहारे हम ने अपनी ज़िंदगी को गुजार दिया....दौलत को नहीं,रुतबे को भी नहीं...झूठी शान

को भी हम ने नकार दिया ....सीधा सादा इक मन हमारा,जो खरे सोने जैसे प्यार के लिए तरस गया...

पर उस खरे सोने जैसे प्यार की तलाश मे,जीवन हमारा बस गुजर गया...आज भी ढूंढ रहे है उसी नज़र

को,जिस नज़र के लिए हमारे दिल ने अपनी ज़िंदगी को गुजार दिया....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...