आप खास है या आम,इस सवाल का जवाब दिल ने कभी बताया ही नहीं...रफ्ता रफ्ता चलती जा
रही यह ज़िंदगी,इस अहम् सवाल से दूर इस का ख्याल कभी आया ही नहीं....कभी मशगूल रहे तो
कभी बेबस रहे,नज़दीकियों के चलते किसी बात का धयान इस तरफ आया ही नहीं...अपने आस पास
किसी ने हम मे क्या देखा,क्या सोचा...इस से बेखबर किसी और का वज़ूद कभी सोचा भी नहीं...अब
ज़िंदगी के उस मोड़ पर है,जहा काम के सिवाए कुछ और सोचा भी नहीं....
रही यह ज़िंदगी,इस अहम् सवाल से दूर इस का ख्याल कभी आया ही नहीं....कभी मशगूल रहे तो
कभी बेबस रहे,नज़दीकियों के चलते किसी बात का धयान इस तरफ आया ही नहीं...अपने आस पास
किसी ने हम मे क्या देखा,क्या सोचा...इस से बेखबर किसी और का वज़ूद कभी सोचा भी नहीं...अब
ज़िंदगी के उस मोड़ पर है,जहा काम के सिवाए कुछ और सोचा भी नहीं....