Wednesday 25 April 2018

आप खास है या आम,इस सवाल का जवाब दिल ने कभी बताया ही नहीं...रफ्ता रफ्ता चलती जा

रही यह ज़िंदगी,इस अहम् सवाल से दूर इस का ख्याल कभी आया ही नहीं....कभी मशगूल रहे तो

कभी बेबस रहे,नज़दीकियों के चलते किसी बात का धयान इस तरफ आया ही नहीं...अपने आस पास

किसी ने हम मे क्या देखा,क्या सोचा...इस से बेखबर किसी और का वज़ूद कभी सोचा भी नहीं...अब

ज़िंदगी के उस मोड़ पर है,जहा काम के सिवाए कुछ और सोचा भी नहीं....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...