बहुत नरम सी चादर है तेरी यादो की तन्हाई की---कही दूर कोई बेखबर है,उसी की यादो की तन्हाई से---
बड़ी मुश्किल से नींद कभी जो आ जाती है,तेरा फिर मेरे खवाबो मे आ कर मुझे जगा जाना...यही तो
तेरी मुहब्बत की कातिलाना रुसवाई है----मेरे पास से तेरा ख़ामोशी से निकल जाना,और अपनी ही
मुस्कराहट को होठो मे दबा जाना----किस से कहे कि यही अदाएं तेरी मेरी रातो की तन्हाई है-----
बड़ी मुश्किल से नींद कभी जो आ जाती है,तेरा फिर मेरे खवाबो मे आ कर मुझे जगा जाना...यही तो
तेरी मुहब्बत की कातिलाना रुसवाई है----मेरे पास से तेरा ख़ामोशी से निकल जाना,और अपनी ही
मुस्कराहट को होठो मे दबा जाना----किस से कहे कि यही अदाएं तेरी मेरी रातो की तन्हाई है-----