Saturday 16 December 2017

तू कही से भी पुकारे गा मुझे,बेखौफ चले आए गे---दुनिया===इस को छोड़ चुके है बरसो पहले,क्यों

इस के नाज़ उठाएं गे----तूने वास्ता दिया है अपनी पाक मुहब्बत का,पर किया है दुःख ज़ाहिर कि दौलत

के ख़ज़ाने ना लुटा पाए गे----कैद रहो गी मेरी मासूम मुहब्बत की राहो मे,सिमटने के लिए जियो गी मेरी

बाहों मे---ओह--बहुत खुशनसीब हू मैं,इस पाक मुहब्बत को  पाने के लिए---दौलत की राहो मे वो ख़ुशी,वो

सकूँ कहाँ मिलता ---इसलिए तेरी ही दुनिया मे..तेरे पास  बेखौफ चले आए है---- 

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...