हटा दे अपने गालों से इन गेसुओं को,बस यू ही लहरा दे इन्हे खुले आसमां के दायरे मे ज़रा ----पलके ना
झुका नज़रे तो उठा,कही दूर बजती शहनाइयों की गूंज मे मेरे लफ्ज़ो का मतलब तो बता----कब तल्क
हा..कब तल्क तेरे इंतज़ार मे तेरे आने की घड़ियां मै गिनू----क्या वक़्त से कहू कि रुक जा ज़रा,मेरे
मेहबूब मे अब तक प्यार का ज़ज़्बा ही तो नहीं जगा---लबो को अब तो खुलने दे ज़रा,ज़िंदगी के इन
लम्हो को अब तो ज़ी ले ज़रा----
झुका नज़रे तो उठा,कही दूर बजती शहनाइयों की गूंज मे मेरे लफ्ज़ो का मतलब तो बता----कब तल्क
हा..कब तल्क तेरे इंतज़ार मे तेरे आने की घड़ियां मै गिनू----क्या वक़्त से कहू कि रुक जा ज़रा,मेरे
मेहबूब मे अब तक प्यार का ज़ज़्बा ही तो नहीं जगा---लबो को अब तो खुलने दे ज़रा,ज़िंदगी के इन
लम्हो को अब तो ज़ी ले ज़रा----