Sunday 24 December 2017

तहजीब से भरा आप के बोलने का यह लहज़ा..दिल मेरे को अंदर तक छू गया----मासूम सा चेहरा और

मोती की तरह बिखरते आप के होठो से यह लफ्ज़....खुदा की बनाई कोई मूरत है आप----सुना है और

देखा भी इस दुनिया मे,कि सूरत और सीरत कभी साथ नहीं मिलते----खूबसूरती का दंभ अक्सर मोहिनी

मूरत को नज़रअंदाज़ कर जाता है---पर कमाल कुदरत का देखा आप मे हम ने,हर कमी को दूर कर दिल

जीत लिया मेरा आप की सादगी का यह रुतबा----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...