मै ना भी रहू जब इस दुनिया मे..मेरे लफजो मे मुझे पाओ गे--जब भी ढूॅढो गे नाम
मुहबबत का..मेरे चेहरेे पे लिखा पाओ गे--रूह को छूने के लिए पास आना ना मेेरेे..रूह
की तनहाई से परेशाॅ हो जाओ गे--दरद के आॅचल मे बिताया जीवन सारा..खुशी की इक
लहर के लिए इन हवाओ मे कही गुम हो जाए गे--आॅख नम हो कभी तो मेरेे लफजो मे
ही मुझे पा जाओ गे---
मुहबबत का..मेरे चेहरेे पे लिखा पाओ गे--रूह को छूने के लिए पास आना ना मेेरेे..रूह
की तनहाई से परेशाॅ हो जाओ गे--दरद के आॅचल मे बिताया जीवन सारा..खुशी की इक
लहर के लिए इन हवाओ मे कही गुम हो जाए गे--आॅख नम हो कभी तो मेरेे लफजो मे
ही मुझे पा जाओ गे---