Sunday, 19 June 2016

चलने के  लिए कोई राह तो नही..बस तेेरे कदम काफी है--सुनू किस की कहा कितनी..

तेरेे दिल की धडकन ही सुनने के लिए काफी है--शहनाईया बजती है कहा कैसे..बिन

रिशते तेरे हो कर जिए,इतना ही मेरे लिए काफी है--तेरी रूह से जुडा है वजूद मेरा..दिल

के एहसास से बना है सॅसार मेरा..फिर कयू ना कहू तू मेरा है..जमानेे को जलाने केे लिए

मेेरा नूूरे-नशीॅॅ होना काफी है--

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...