बहुत सोचा-बहुत चाहा..तुझ से दूर चले जाए--बस जाए कही दूर-जहा ना तू हो..ना तेरी
यादे हो--उदास हो जिॅदगी बेशक..पर सकून खुद के साथ हो--मिलने के लिए ना कोई
तकदीरे-खास हो..ना गुफतगू के लिए कोई रूहे पाक हो--इनितहा तो तब हुई जब दिल
ने कहा.. मिले गा तुझे कब कहा सकूने दासताॅॅ..जब तेरी रूह से जुडी है तेरे पयार की
रूहे-दासताॅ---
यादे हो--उदास हो जिॅदगी बेशक..पर सकून खुद के साथ हो--मिलने के लिए ना कोई
तकदीरे-खास हो..ना गुफतगू के लिए कोई रूहे पाक हो--इनितहा तो तब हुई जब दिल
ने कहा.. मिले गा तुझे कब कहा सकूने दासताॅॅ..जब तेरी रूह से जुडी है तेरे पयार की
रूहे-दासताॅ---