यही कही आस पास तेरे..मेरी धडकने बसती है--तू मिलता है जिस तरह मेरी पहचान
बन कर..मेरी रूह को सकून मिलता है--वादो की दुनिया से अलग..हमारी इक दुनिया है
जहा बसता है वो पयार..बेपनाह इबादत की जहा मॅजूूरी है--तूने कुछ कहा नही..पर मैने
तो सब सुन लिया--आॅखे तो बॅद थी मेरी..पर सपनो को रॅग तूने दे दिया---
बन कर..मेरी रूह को सकून मिलता है--वादो की दुनिया से अलग..हमारी इक दुनिया है
जहा बसता है वो पयार..बेपनाह इबादत की जहा मॅजूूरी है--तूने कुछ कहा नही..पर मैने
तो सब सुन लिया--आॅखे तो बॅद थी मेरी..पर सपनो को रॅग तूने दे दिया---