इक तेरा वजूद ही तो है,जिस ने मेरी रूह को नवाजा है---वरना सूरत पे तेरी तो हम गौर
करते ही नही--लाखो है मेेरे कदमो मे,सजदा करने के लिए--पर तेरी खामोशी ने ही हमे
पुकारा है---कुछ दूर तुम चलो साथ मेरे..कुछ कदम हम भी चले गे साथ तेेेरे--शायद
कुदऱत मेहबाॅ हो जाए हम पे.तुम पे---कि तेरे वजूद को मेरी रूह से मिला दे वो कभी---
करते ही नही--लाखो है मेेरे कदमो मे,सजदा करने के लिए--पर तेरी खामोशी ने ही हमे
पुकारा है---कुछ दूर तुम चलो साथ मेरे..कुछ कदम हम भी चले गे साथ तेेेरे--शायद
कुदऱत मेहबाॅ हो जाए हम पे.तुम पे---कि तेरे वजूद को मेरी रूह से मिला दे वो कभी---