उन के इजहाऱे-पयार का कुछ जवाब ना दे पाए है हम--बस सजदे मे सर झुका दिया,
कुछ भी ना बोल पाए है हम--इकराऱ हम कर दे,वो मिननते कर रहे है हम से बार बार--
पयार बसा हो जो रूह मे,तो कयू इकरार कर पाए गे हम--यह तो इशक है यारा मुहबबत
को मेरी आजमाना ना कभी--कि मर के भी किसी और के ना हो पाए गे हम-ना हो पाए
गे हम--
कुछ भी ना बोल पाए है हम--इकराऱ हम कर दे,वो मिननते कर रहे है हम से बार बार--
पयार बसा हो जो रूह मे,तो कयू इकरार कर पाए गे हम--यह तो इशक है यारा मुहबबत
को मेरी आजमाना ना कभी--कि मर के भी किसी और के ना हो पाए गे हम-ना हो पाए
गे हम--