Sunday 10 January 2016

मेरे पास तेरे खवाबो के सिवा और कुछ भी नही--तडपती रूह मे हजारो सवालात के

सिवा और कुछ भी नही--वफाओ की कहानी बन गई जिनदगानी मेरी--पायल की

रूनझुन मे बरसती रही आॅखो से नमी,वो मुुहबबत का पानी--साॅसे जो कभी थमने लगी

तो दिल ने कहा----यह जवानी तेरी पनाहो के सिवा और कुुछ भी नही---कुछ भी तो नही -------

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...