Wednesday 13 January 2016

दोसतो नई सुबह मुबारक हो--लोग कया कहे गेे,इसी उधेडबुन मे हम जीवन के बहुत साल यू ही गुजार देतेे है..जिनदगी को जिए..जीने के सही मकसद को तलाश करे..अपने सपनो को नई राह दे..सिऱफ अपने जमीर की आवाज सुने,वो कभी गलत नही होता..जो मन आतमा से आप को पयार करते है,वो आप के साथ होगे..जो आप को पयार नही करते,पसनद भी नही करते,उनहे बस दुआ दे कर उसी मोड पे छोड दे..अकेले चलने की हिममत पैदा करे..देखिए धीरे धीरे सही लोगो का काफिला आप केे साथ होगा..दुआए साथ होगी..भगवान् साथ होगे..शुभकामनाए सभी के लिए---

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...