दोसतो नई सुबह मुबारक हो--लोग कया कहे गेे,इसी उधेडबुन मे हम जीवन के बहुत साल यू ही गुजार देतेे है..जिनदगी को जिए..जीने के सही मकसद को तलाश करे..अपने सपनो को नई राह दे..सिऱफ अपने जमीर की आवाज सुने,वो कभी गलत नही होता..जो मन आतमा से आप को पयार करते है,वो आप के साथ होगे..जो आप को पयार नही करते,पसनद भी नही करते,उनहे बस दुआ दे कर उसी मोड पे छोड दे..अकेले चलने की हिममत पैदा करे..देखिए धीरे धीरे सही लोगो का काफिला आप केे साथ होगा..दुआए साथ होगी..भगवान् साथ होगे..शुभकामनाए सभी के लिए---
Wednesday 13 January 2016
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...
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एक ख़ामोशी मेरी.. कह रही हज़ारो लफ्ज़ो के ताने-बाने मगर--समझने के लिए आज कोई शख्स कही भी तो नहीं---ले लिया इन पन्नो का सहारा मगर--इन को पढ़ ...
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रहे कही भी मगर तेरी रूह से जुदा नहीं होते..रहते है सदा तेरे दिल की धड़कन मे,कही और नहीं जा सकते..दिल जो जुड़े है इक दूजे से..धड़कनें जो सुने...
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हर तरफ मौत का खौफ पर ज़िंदगी से जंग रोज़ जारी है...कोई चला गया तो किसी की बारी आने वाली है..कोई डर रहा है आने वाली मौत से तो कोई खुद को संभ...