Sunday 25 January 2015

बहुत कुछ था ऐसा जो तुमहे कह नही पाए..बहुत कुुछ था ऐसा जो तुुमहे बता नही पाए..

हर कदम चलते रहेे..चलते रहे.......थक गए है कितना..कह नही पाए...दुनियाॅ ने..इन

अपनो नेे सताया कितना..रूलाया कितना....पर हर बार मुुसकरा कर बस तेरे हमनशी ..

हमनवाॅ बन गए....तुम पयार करते हो हमे..दीवानो की तरह......इसी एहसास के साथ

हम जीते ही रहे...जीते ही रहे.......

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...