Saturday, 24 January 2015

तेरे ही साथ जीना चाहते थे जीवन..पर जी नही पाए...तेरे ही साथ रहना चाहते थे..पर

रह नही पाए...तेरे साथ जो किए थे वादे..निभा नही पाए...कुदरत ने किया जो जुदा..

उस का सामना भी हम कर नही पाए..वकत की मार को भी हम सह नही पाए...पर

तनहाॅ है यह सोच कर.....कि जब जुदाई मे जिनदा है...तो जिनदा इनतजाऱ मेे भी रहे गे

...कि मौत के बाद जो जनम होगा..उस मे तेरे साथ..तेरा साथ निभा जाए गे...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...