हर लफज मेे तेरे लिए पुकार है..तू सुन पाए या ना सुन पाए..पर मेरी पुकार की इनतिहाॅ
आसमाॅ की बुलनदी तक है..खामोशियाॅ कभी बोला नही करती..पर..पर मन केे ऱाज
खोल जाती है..तो कया हुआ जो साथ छूट गया..तो कया हुआ जो दिल टूट गया..
तउमर इकटठा करते रहे..टूटे दिल के टुकडो को..आज कयू दिल की आवाज सुनना
चाहते है..जब कि जानते है टूटे दिल आवाज नही करते....
आसमाॅ की बुलनदी तक है..खामोशियाॅ कभी बोला नही करती..पर..पर मन केे ऱाज
खोल जाती है..तो कया हुआ जो साथ छूट गया..तो कया हुआ जो दिल टूट गया..
तउमर इकटठा करते रहे..टूटे दिल के टुकडो को..आज कयू दिल की आवाज सुनना
चाहते है..जब कि जानते है टूटे दिल आवाज नही करते....