Friday 23 January 2015

हर लफज मेे तेरे लिए पुकार है..तू सुन पाए या ना सुन पाए..पर मेरी पुकार की इनतिहाॅ

आसमाॅ की बुलनदी तक है..खामोशियाॅ कभी बोला नही करती..पर..पर मन केे ऱाज

खोल जाती है..तो कया हुआ जो साथ छूट गया..तो कया हुआ जो दिल टूट गया..

तउमर इकटठा करते रहे..टूटे दिल के टुकडो को..आज कयू दिल की आवाज सुनना

चाहते है..जब कि जानते है टूटे दिल आवाज नही करते....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...