Tuesday 13 January 2015

जिनदगी जहाॅ खतम होती है...हम जीना वही से शुरू करते है.....दुखो की इनतहाॅ जब

होती है..सुख वही से ठूॅडना शुरू करते है.....तनहाई जब जी भर के रूला देती है..खुशी

की तलाश तब शुरू हो जाती है.....किसमत को जब कोस लेते है हद भर से........आॅसमा

से फूल बिखर कर दामन को सजा देते है........

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...