जिनदगी जहाॅ खतम होती है...हम जीना वही से शुरू करते है.....दुखो की इनतहाॅ जब
होती है..सुख वही से ठूॅडना शुरू करते है.....तनहाई जब जी भर के रूला देती है..खुशी
की तलाश तब शुरू हो जाती है.....किसमत को जब कोस लेते है हद भर से........आॅसमा
से फूल बिखर कर दामन को सजा देते है........
होती है..सुख वही से ठूॅडना शुरू करते है.....तनहाई जब जी भर के रूला देती है..खुशी
की तलाश तब शुरू हो जाती है.....किसमत को जब कोस लेते है हद भर से........आॅसमा
से फूल बिखर कर दामन को सजा देते है........