Friday, 24 October 2014

जहाॅ जहाॅ कदम पडे तेरे,वो ही रासता चुन लिया हम ने..मुहबबत की मनिजल वही

होगी,जहाॅ इबादत के लिए तुमहे चुन लिया हम ने...खामोशियाॅ बहुत कुछ कह जाती

है मुहबबत मे,समझने के लिए जमीर को खुदा का फरमान चुन लिया हम ने...फूलो ने

फिजाओ ने फैसला जो बताया,तो तुमही को मुुकददर मान लिया हम ने.....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...