Thursday 2 October 2014

कुछ पाया कुछ खो दिया...पर यादो को साथ ले लिया...मुहबबत कहती है मै नूर हूॅ तेरी

जिनदगी का...तू उदास मत होना मै सकून हूॅ तेऱी उन यादो का...जो महका रही है तेरा

आॅगन...कही चोट खाई तो कया हुआ...वकत अभी और बाकी है...जिनदगी जीने के

लिए साॅसे भी अभी बाकी है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...