दुनियाॅ दीये जलाए गी,फूल मालाएॅॅ भी चढाए गी,देर रात तक पटाखो की गूॅज सेे पूरे
जमाने को जगाए गी..खुदा से पूछते हैै हम, कया सच मे इन रसमो से खुश होते हैैै आप.
रात भर जितने दीये आप की इबादत मे जलते है,पर एक तरफ जब कितनी झोपडियो
मे घोर अनधेरा होता है.कितने मासूम पटाखो की गूॅज को तरसते है.पूजा की करोडो ही
थालियाॅ परसाद से भरी आप को भेॅट की जाती है.पर हजारो गरीबो की भूख तरसती है
खाने को..कया तब भी खुश होते है आप..................
जमाने को जगाए गी..खुदा से पूछते हैै हम, कया सच मे इन रसमो से खुश होते हैैै आप.
रात भर जितने दीये आप की इबादत मे जलते है,पर एक तरफ जब कितनी झोपडियो
मे घोर अनधेरा होता है.कितने मासूम पटाखो की गूॅज को तरसते है.पूजा की करोडो ही
थालियाॅ परसाद से भरी आप को भेॅट की जाती है.पर हजारो गरीबो की भूख तरसती है
खाने को..कया तब भी खुश होते है आप..................