Sunday, 28 September 2014

तुझे ला कर इस दुनियाॅ मे...मैने तुझे जीने का अधिकार दिया..पयार दुलार की दौलत

से तुुझेे मालामाल किया...तेरे जीवन का हर फैसला तुझी को चुनने का अधिकार दिया..

तुझे हर मौके पे सममान दिया...पर तू अपनी मनमानी हर जगह ना करे...डाॅट-फटकार

केे इस अधिकार को मैने इसतेमाल किया....मै ना रहू जब दुनियाॅ मे,तो मेरे उसूलो पे

अमल करना..मेरे दुलार को याद रखना,पर मेरी फटकार को ना भूूलना...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...