Friday, 12 September 2014

पयार मे तेरे ताजमहल तो नही बना पाए....पर अपने पयार को इतना बेशकीमती

जरूर बना जाए गे......कल अगर इस दुनियाॅ मे ना भी रहेे....तो हमारे पयार को याद

करो गेे इतना कि उस पयार मे बहने वाले आॅसूओ से कितने ही ताजमहल कुरबान हो

जाए गे....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...