Friday 23 May 2014

अगर मै उसूलो को तोड कर जीता,तो बहुत कुछ पाता.धन दौलत के खजानो मे खुद

को घिरा पाता..पर ना मै इन उसूलो को तोड पाया,ना दौलत के तराजू मे खुद को तोल

पाया....पर उसूलो से जो मिला,वो खरे सोने से भी जयादा खूबसूरत रहा....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...