Wednesday, 21 May 2014

यू देखना,फिर रूकना फिर  चलना..पलट कर फिर से देखना.....

हसीनो की अदा ही तो है....निगाहो का जादू चलाना,एक मासूम सी खता ही तो है....

कुछ इस अदा पे मर गए,यह इस जादू का असर नही तो औऱ कया है....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...