Friday 23 December 2016

वो तेरी बातो की खलिश,वो तेरी सांसो की महक....मुझे सर से पाव तक खुशबू मे जैसे नहला जाती है...

गौर करते है जो अपने चेहरे पे,तेरे बेबाक इरादों की कहानी दिख जाती है----तेरे इश्क की दास्ताँ सुने या

अपने हुस्न के चरचे सुन ले..हर मोड़ पे बस तू है और मेरी तन्हाई है---लोग कहते है कि तू मेरे प्यार मे

पागल है..पर खुद के दिल की सुनु तो लगता है कि रातो के हर लम्हे मे तू ही तू शामिल है.....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...