Thursday 22 December 2016

तेरा छूना लगा जैसे..ओस की बूंदो की तरह---महका है बदन मेरा,गुलाब की पंखुड़ियो की तरह--तेरा

शबनमी अहसास ज़न्नत की फ़िज़ा लगता है--देखा तो नहीं हम ने ज़न्नत को,पर अहसास तेरा इबादत

की तरह लगता है---पूजा के धागों  मे पिरोया है,मैंने तेरी पाक मुहब्बत को...तेरी जगह मेरे दिल मे नहीं,

रूह के वज़ूद मे है---फिर पास आ जा मेरे,खुदा के रहमो-करम की तरह---

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...