कहने को हमराज़ नहीं मेरे..पर दिल का हर राज़ है पास तेरे....बेवफा है यह दुनिया लेकिन,पर तेरी वफ़ा
का नायाब खज़ाना है पास मेरे....लहू का हर रंग जताता है,मुहब्बत की हर दौलत को....तू पास रहे या
दूर मेरे,फर्क हदो का सिर्फ है शायद....ज़माना क्या कहता है अब मुझ को,उस दौर का नाम भी याद नहीं
मुझ को...आज नहीं तो कल लेकिन,चलना है तुझे साथ मेरे और मुझे साथ तेरे......
का नायाब खज़ाना है पास मेरे....लहू का हर रंग जताता है,मुहब्बत की हर दौलत को....तू पास रहे या
दूर मेरे,फर्क हदो का सिर्फ है शायद....ज़माना क्या कहता है अब मुझ को,उस दौर का नाम भी याद नहीं
मुझ को...आज नहीं तो कल लेकिन,चलना है तुझे साथ मेरे और मुझे साथ तेरे......