टुकड़ो का हिसाब ना कर..बस बेहिसाब हो कर चले आओ----हर मन्नत,हर दुआ,हर पहलु से बंधे
मेरे पास चले आओ---रात है गहरी,सितारों की चमक से वाकिफ है..चाँद को ढूंढने के लिए,यह
चांदनी भी आज घायल है---बेवफा ना कह मुझ को,वफ़ा के नाम से खुद को भिगोया है---तेरी ही
इंतज़ार मे यह दिल ज़ार ज़ार रोया है---पलकों पे बिछा है,शर्म का शामियाना...बस ज़िद ना करो
मेरे पास चले आओ---
मेरे पास चले आओ---रात है गहरी,सितारों की चमक से वाकिफ है..चाँद को ढूंढने के लिए,यह
चांदनी भी आज घायल है---बेवफा ना कह मुझ को,वफ़ा के नाम से खुद को भिगोया है---तेरी ही
इंतज़ार मे यह दिल ज़ार ज़ार रोया है---पलकों पे बिछा है,शर्म का शामियाना...बस ज़िद ना करो
मेरे पास चले आओ---