तेरी राहो मे,यू ही बिछते जाए गे--तेरी गुसताखियो को माफ करते जाए गे---तेरी हर
उस नजऱ को,जो पल भर के लिए भी हमे निहार ले गी--सलाम करते जाए गेे----यह
मुहबबत है याऱा---जिस के हर मुकाम पे,तुझे आबाद करते जाए गे------
उस नजऱ को,जो पल भर के लिए भी हमे निहार ले गी--सलाम करते जाए गेे----यह
मुहबबत है याऱा---जिस के हर मुकाम पे,तुझे आबाद करते जाए गे------