Thursday 17 September 2015

वकते-हालात ने गर बरबाद ना किया होता--तो आज हम तुमहारे होते---कतरा-कतरा

बने आॅसूओ के सैलाब मे,हम यू ना बहे होते--रूह मे तेरी तसवीर बसाए,आज भी तनहाॅ

फिरते है----गर साजिशे तबाह ना करती हमे--तो यकीकन तेरी बाहो मे आज सकून से

जी रहे होते------

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...