हम पागल है तेरे पयार मे-लोग कहते है-----हम बेवफा है तेरे इशक मे-लोग तो यह भी
कहते है-----खामोश बैठे है इक बुत की तरह-लोगो के अलफाज सुनते है----मुकऱऱर
दिन तो नही तेरे आने का-पर जुदाई के सबब मे,तेरे आने की उममीद का दिया जलाए
फिऱते है------
कहते है-----खामोश बैठे है इक बुत की तरह-लोगो के अलफाज सुनते है----मुकऱऱर
दिन तो नही तेरे आने का-पर जुदाई के सबब मे,तेरे आने की उममीद का दिया जलाए
फिऱते है------