Thursday 23 April 2015

मासूम हॅसी-मासूम अदा---वो ही मासूम सा चेहरा भी तेरा----खनकती हुई आवाज मे

छिपी है लहऱो की सदाॅ-----बहके बहके से कदम आ रहे है बस तेरी तरफ----नही रहे गे

जुदा तेरी उलफत की कसम----इन बेडियो से जुदा हो जाए गा तेरे मेरे सपनो का शहर---

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...