Tuesday 14 April 2015

जाने कब कहाॅ---कैसे इतने मशहूर हो गए-----लोगो की दुआओ मे मशगूल हो गए---

हम जो कभी थे अजनबी--आज सब की मेहरबानियो के सऱताज हो गए---जिनदगी से

पयार होने  लगा है अब कि जिनदगी की वादियो मे---कई साथियो के पैगाम शाामिल

हो गए-----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...