Saturday 29 November 2014

जहाॅ धोखा मिला अपनो से,फरेब दिखा लाखो मे..ना सोचा ना जाना,बस खुदा का

दामन थाम लिया..दौलत के तराजू मे,रूतबे के हिसाबो मे,जब तोले जाते है रिशते..तो

अकसर इनसानो का चेहऱा देखना भूल जाते है लोग..यह दुनियाॅ है उन इनसानो की..

जहाॅ कागज के टुकडो मे बिक जाते है लोग..खुदा से बाते करते है तो कहते है..तेरी

दुनियाॅ मे इनसाॅ तो बहुत है..पर तेरी सचचाई कितनो मे है..............

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...