तुम पयार कर ना सके,हम पयार पा ना सके..वादो की दुनियाॅ बसाते रहे,पर वादा एक
भी निभा ना सके..मिसाल देते रहे मुकममल मुहबबत की,पर मुहबबत कभी कर ना
सके..टूट टूट कर इतना टूटे कि जिनदगी को जीना भूल गए..यादे है इतनी,कि उनहे
साथ रखने के लिए..इन साॅसो को चलाना ही भूल गए..
भी निभा ना सके..मिसाल देते रहे मुकममल मुहबबत की,पर मुहबबत कभी कर ना
सके..टूट टूट कर इतना टूटे कि जिनदगी को जीना भूल गए..यादे है इतनी,कि उनहे
साथ रखने के लिए..इन साॅसो को चलाना ही भूल गए..