Thursday 6 November 2014

आसमाॅ से तारे तोड लाए गे,तेरे कदमो मे सारे जहाॅ की खुशियाॅ बिछा दे गे...हम हॅस

दिए थे तब तेरी आसमानी रूमानी बातो पे,ना कोई लाया आज तक सितारे आसमानो

से,ना खुशियो का भरपूर खजाना जुटा पाया...रिशतो की यह दुनियाॅ हकीकत से चलती

है,दौलत से नही-सोने चाॅदी के सिकको से भी नही...दिलो के तार मिलनेे से चलती है....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...