Thursday 7 August 2014

जिकऱ तेरा जब भी चला..हम मुसकुरा दिए..

बाते जब तेरी चली..हम बेवजह हॅस दिए..

लोग कहते है हम तेरे पयार मे पागल हैै..

पर हम इसे अपनी मुहबबत का जनून कहते है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...