Tuesday 19 August 2014

दिन वही लमहा भी वही,पर वकत बदल गया हैै कितना..रिशतेे बदले हालात बदले

जिनदगी बदल गई कितनी..इसी लमहे से जुडी है यादे कितनी..हर याद के साथ

गुजर रही है जिनदगी....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...