सुबह की हलकी किरणो मेे,जब भी देखा है तुझे..ना सोचा ना समझा,बस दिल से
बुलाया हैै तुझे..आज जीवन के उस पडाव पेे हम है,जहाॅॅ हर फैैसला हमारा है..
जिनदगी और मौत को चुनने का फैसला भी हमारा होगा..दौलत शोहरत के पननो को
बरसो पहलेे ही फाड चुके हैै हम..बहुुत दूूर निकल आए है उन बनद दऱवाजो से,जहाॅ
जिनदगी ने कभी बसाया था हमे...
बुलाया हैै तुझे..आज जीवन के उस पडाव पेे हम है,जहाॅॅ हर फैैसला हमारा है..
जिनदगी और मौत को चुनने का फैसला भी हमारा होगा..दौलत शोहरत के पननो को
बरसो पहलेे ही फाड चुके हैै हम..बहुुत दूूर निकल आए है उन बनद दऱवाजो से,जहाॅ
जिनदगी ने कभी बसाया था हमे...