Sunday 11 April 2021

 इस से पहले तेरे आने की कोई आहट हो,हम ने दिल-रूह के तमाम दरवाजे तेरे लिए खोल दिए...सिर्फ 


तेरी इक झलक पाने के लिए हम ने, अपनी आँखों को रात भर जागने के आदेश भी दे दिए..तेरी वही 


इक ख़्वाइश कि हम सम्पूर्ण सादगी मे रचे-बसे,तेरे और सिर्फ तेरे लिए..यह फुरसत के पल तेरे लिए हम 


ने फुरसत से रख दिए...चाँद को हम ने ना आने की तागीद फिर से कर दी..कोई ख़लल ना डाले बीच 


हमारे,सारे जहां को यह बात तक बता दी..बस दिन तो वो आने को ही है,दिल-रूह की आवाज़ बस तुझ 


तक पहुंच जाने को ही है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...