यू तो तेरे लिए दुनिया अपनी छोड़ आए है...बेख़ुदी मे बढ़ाया जो हम ने कदम,यक़ीनन ज़माने को ही
मात दे आए है....नक़्शे-कदम पे तेरे चलने के लिए,तेरी ही राहो मे तेरा साथ देने चले आए है...खुद्दार
बहुत है लेकिन यकीं तुझ पे कर के,फिर भी तेरी ज़िंदगी मे तेरे हमसफ़र बनने चले आए है....बदल गई
किसी रोज़ जो निगाहे तेरी,टूटे गे बहुत बहुत मगर...अपनी इसी खुद्दारी को साथ लिए इसी दुनिया को
छोड़ जाए गे...
मात दे आए है....नक़्शे-कदम पे तेरे चलने के लिए,तेरी ही राहो मे तेरा साथ देने चले आए है...खुद्दार
बहुत है लेकिन यकीं तुझ पे कर के,फिर भी तेरी ज़िंदगी मे तेरे हमसफ़र बनने चले आए है....बदल गई
किसी रोज़ जो निगाहे तेरी,टूटे गे बहुत बहुत मगर...अपनी इसी खुद्दारी को साथ लिए इसी दुनिया को
छोड़ जाए गे...