Saturday 4 November 2017

दोस्तों..मेरी शायरी के हर रूप को पसंद करने के लिए..आप सभी का तहे-दिल से शुक्रिया...दोस्तों..मेरी शायरी कभी भी किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं लिखी जाती..यह सिर्फ और सिर्फ शायर की कल्पना की उड़ान है....आप सभी का आभार,अभिनन्दन...शुक्रिया....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...