Sunday 26 November 2017

 आप के सपनो को उड़ान देने के लिए,खुद के पंख देने आए है---उन मे मुहब्बत का नशा भरने के लिए

अपनी चाहत की गागर ले आए है----छलक रहा है हमारी आँखों से इक बरकत का हिसाब,जो चला है

चले गा..बरसो बरस आप के इन्ही सपनो के साथ----कभी लगे जो आप को,हमारी दुआओं मे कही कमी

आई है...भूल कर खुद को आप की ज़िंदगी मे आप ही का नज़राना बन के आ जाए गे-----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...