वो तेरी सलीके से बोलने की अदा,हम तो तेरे कायल हो गए---अदब से हर गुफ्तगू पे दिल जीत लेने की
वो वफ़ा,यक़ीनन तेरे सज़दे मे हम तो झुक गए---तेरे कदमो की आहट मे किसी फ़रिश्ते के आने का
अहसास होने लगता है----तू जो रुक जाये तो लगे ऐसा हवा ने खुद को जैसे रोका है---तेरे चेहरे के नूर
से अक्सर चाँद के दिखने की खबर लगती है--तू शायद इस दुनिया की नहीं,कि यह दुनिया तो अपमान
के लफ्ज़ो से बनीं एक मुसीबत लगती है----
वो वफ़ा,यक़ीनन तेरे सज़दे मे हम तो झुक गए---तेरे कदमो की आहट मे किसी फ़रिश्ते के आने का
अहसास होने लगता है----तू जो रुक जाये तो लगे ऐसा हवा ने खुद को जैसे रोका है---तेरे चेहरे के नूर
से अक्सर चाँद के दिखने की खबर लगती है--तू शायद इस दुनिया की नहीं,कि यह दुनिया तो अपमान
के लफ्ज़ो से बनीं एक मुसीबत लगती है----