दोस्तों---मेरी शायरी के हर रूप को पसंद करने का बहुत बहुत शुक्रिया..दुःख दर्द मे डूबी हुई या प्यार के धागो मे लिपटी ... फिर चाहे विरह की वेदना हो या रूहो के प्यार की दास्ताँ ... शायरी वही जो आप के दिलो को रुला दे और कभी प्यार के लम्हो से आप के दिलो मे एक अहसास पैदा कर दे---शुक्रिया आप सभी का,मुझे इतना मान सम्मान और प्यार देने के लिए...शुभ कामनाये ...
Tuesday, 20 June 2017
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...
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एक अनोखी सी अदा और हम तो जैसे शहज़ादी ही बन गए..कुछ नहीं मिला फिर भी जैसे राजकुमारी किसी देश के बन गए..सपने देखे बेइंतिहा,मगर पूरे नहीं हुए....
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मौसम क्यों बरस रहा है आज...क्या तेरे गेसुओं ने इन्हे खुलने की खबर भेजी है----बादल रह रह कर दे रहे है आवाज़े, बांध ले इस ज़ुल्फो को अब कि कह...
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बैठे है खुले आसमाँ के नीचे,मगर क्यों है बेहद ख़ामोशी यहाँ...कलम कह रही है क्यों ना लिखे ख़ामोशी की दास्तां यहाँ...आज है ख़ामोशी खामोश यहाँ औ...