चलते चलते.. बार बार सवाल करती है यह ज़िन्दगी...कभी ज़लज़ले कभी हसरते तो कभी हर पल का
हिसाब मांग लेती है यह ज़िन्दगी--सबर की इंतिहा तक ले जा कर,किसी खामोश मोड़ पर फेक देती
है ये ज़िन्दगी---थोड़ी सी ख़ुशी दे कर,हज़ारो आंसुओ से भिगो देती है यह ज़िन्दगी---हर पल आगे
जाने की रफ़्तार को,एक ही झटके मे तबाह कर जाती है यही ज़िन्दगी---फिर भी साँसों की डोर को
बांधे हुए,जीने पे मज़बूर कर रही यह ज़िन्दगी--यह ज़िन्दगी----
हिसाब मांग लेती है यह ज़िन्दगी--सबर की इंतिहा तक ले जा कर,किसी खामोश मोड़ पर फेक देती
है ये ज़िन्दगी---थोड़ी सी ख़ुशी दे कर,हज़ारो आंसुओ से भिगो देती है यह ज़िन्दगी---हर पल आगे
जाने की रफ़्तार को,एक ही झटके मे तबाह कर जाती है यही ज़िन्दगी---फिर भी साँसों की डोर को
बांधे हुए,जीने पे मज़बूर कर रही यह ज़िन्दगी--यह ज़िन्दगी----